
एक राजनीतिक मार्मिकता
74 साल की उम्र में अचानक हुए धनखड़ के इस्तीफे ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। जब स्वास्थ्य को मुख्य कारण बताया गया, तो कई लोगों के मन में यह सवाल आया—क्या वाकई स्वास्थ्य था या कुछ और छिपा रहस्य? आइए इस कहानी के तह तक जाएँ।
धनखड़ का इस्तीफा: चौंकाने वाला फैसला?
धनखड़ जी ने कुछ ही दिन पहले दिल्ली के जेएनयू में कहा था कि वह 2027 तक पद पर बने रहेंगे। इसके कुछ ही दिन बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया — यह विरोधाभास ही सवाल खड़े कर रहा है।
कौन हैं धनखड़?
धनखड़ एक अनुभवी राजनेता हैं, जिन्होंने कई वर्षों तक सार्वजनिक सेवा की है। राज्यपाल, मंत्री या अन्य उच्च पदों पर उन्होंने जो प्रभाव छोड़ा, वह स्वाभाविक रूप से उनकी प्रतिष्ठा का प्रमाण है।
हाल की गतिविधियाँ
हाल ही में उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए, समितियों की अध्यक्षता की, और योजनाओं की समीक्षा की—सब कुछ तब तक जब तक उन्होंने इस्तीफे की घोषणा नहीं की।
इस्तीफे की आधिकारिक घोषणा
इस्तीफे की घोषणा अचानक और स्पष्ट तरीके से की गई, जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों का हवाला दिया। पत्रकारों से बात करते हुए, उन्होंने कहा कि उम्र के साथ स्वास्थ्य में गिरावट से कामकाज कठिन होता जा रहा था, इसलिए उन्होंने यह निर्णय लिया।
क्या सच में सिर्फ स्वास्थ्य था कारण?
इस्तीफे के बाद राजनीतिक गलियारों में कई अफवाहें उड़ीं—कुछ लोगों का मानना है कि यह निर्णय विवादास्पद समीक्षाओं, दबाव या राजनीतिक खेल का हिस्सा था। शिविर में असंतोष, योजनाओं पर आपसी मतभेद, या अगला राजनीतिक कद—ये सब संभावित द्वंद्व थे जिनका असर इस्तीफे पर पड़ सकता है।
यदि स्वास्थ्य नहीं, तो असली वजह क्या हो सकती है?
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जी का इस्तीफा फाइनली स्वीकार कर लिया गया है। राजनीतिक गलियारों में इसकी जबरदस्त चर्चा है कि धनखड़ जी ने किसी दबाव में आकर अपना इस्तीफा दिया है हालांकि इस्तीफे का कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्या बताया जा रहा है लेकिन राजनीतिक गलियारे में इस बात को तवज्जो नहीं दी जा रही है। इसी बात को लेकर राजनीतिक गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म है। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर तरह तरह के सवाल खड़े करना शुरू कर दिया है।
10 जुलाई को दिया गया बयान:
“मैं अभी सेवानिवृत्त नहीं हो रहा, मैं 2027 तक पद पर बना रहूंगा।
जितने मुंह उतनी बातें। बताया जा रहा है कि विगत 10 जुलाई को दिल्ली के जेएनयू में हुए एक कार्यक्रम में पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जी ने अपने संवोधन में कहा था कि वे अभी सेवानिवृत नहीं होंगे। उन्होंने 2027 तक अपने पद पर बने रहने की बात भी कही थी परंतु अचानक से उन्होंने इस्तीफा देते हुए कहा कि स्वास्थ्य संबंधी समस्या और डॉक्टरों की सलाह लेने के बाद वह अपना इस्तीफा दे रहे हैं।
स्वास्थ्य की सच्चाई — क्या अटकलबाजियाँ हैं?
क्या पिछले वर्षों में धनखड़ ने इलाज कराया था? क्या कोई बीमारी सामने आई थी? ऐसी जानकारी सार्वजनिक नहीं है, जिससे स्वास्थ्य को ही प्रमुख कारण मानना मुश्किल हो गया। यदि कोई करीबी स्रोत कहता कि “उसने पहले से ही थका-हारा महसूस किया था” —यह संतुलन लाता है। परन्तु यदि कोई कहता कि “वह पूरी शक्ति से सक्रिय थे”, तो स्वास्थ्य को संदेह की नजर से देखें।
राजनीतिक लगाम — क्या सत्ता संघर्ष ने बढ़ाई जुदाई?
राजनीतिक सौदे, अगली चुनौतियाँ या अंदरूनी समीकरण इस निर्णय के पीछे हो सकते हैं। सत्ता का समतल, पदभार का विस्तार—नए चेहरे, नए समीकरण इन्हें सोचने पर मजबूर करते हैं।
मीडिया और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ
कुछ रिपोर्टों ने स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित किया, तो कुछ ने टिप्पणी की कि यह राजनीतिक मजबूरन भी हो सकता है। ट्विटर पर तब शेयर हुआ कि “इस बार संन्यास नहीं, दरकिनार किया जाना था!” जैसे व्यंग्य। फेसबुक और इंस्टाग्राम पर मीम्स ने हल्की-फ़ुलकी आलोचना में वृद्धि की। सड़क पर पूछो तो कुछ कहेंगे, “74 साल की उम्र में, सच में बहुत हैवी काम था।” और कुछ कहेंगे, “कुछ तो अनकहा रहा होगा।” जन भावना मिश्रित दिखाई पड़ती है।
क्या कहना चाहिए, और क्या सोचना चाहिए?
यह इस्तीफा स्वास्थ्य मुद्दों का परिणाम हो सकता है, लेकिन आसपास की राजनीतिक हलचल को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हमें खुले मन से पूछना चाहिए—क्या हर तथ्य समय से सामने आया? जब तक तथ्य नहीं मिलते, सवाल उठना स्वाभाविक है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. क्या धनखड़ ने सार्वजनिक रूप से चिकित्सा प्रमाण पत्र साझा किया?
अभी तक ऐसा कोई प्रमाण पत्र सार्वजनिक नहीं हुआ है, जिससे स्वास्थ्य को प्रमाणित करना मुश्किल है।
2. क्या राजनीतिक गुटों ने इस्तीफे को लेकर कोई बयान जारी किया?
कुछ गुटों ने स्वास्थ्य को व्यक्तिगत निर्णय बताया, लेकिन कोई स्पष्ट पृष्ठभूमि साझा नहीं की गई।
3. यह इस्तीफा किस तारीख को हुआ था, और क्या अचानक आया था?
इस्तीफे की तारीख और समय की घोषणा मीडिया में तत्काल हुई—जिसने इसे अचानक बना दिया।
4. क्या सुनीलगढ़ या दूसरे राज्यों में हुई इसी प्रकार की घटना से तुलना की जा सकती है?
हाँ, कई राज्यों में वरिष्ठ पदाधिकारियों के इस्तीफे स्वास्थ्य के बहाने, लेकिन राजनीतिक दबाव की संभावना के बीच हुए हैं।
5. जनता इस पर किस प्रकार प्रतिक्रिया दे रही है?
मिश्रित—कुछ लोग स्वास्थ्य मान रहे हैं, कुछ ऐसे भी हैं जो राजनीतिक कारणों पर संदेह जता रहे हैं। सोशल मीडिया में यह बहस जारी है।
Suggested External Resources
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